उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में वर्ष 2020 में कोरोना महामारी का विकराल रूप सभी ने देखा। जहां संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने स्कूल-कॉलेज सब बंद कर दिए। तो वहीं सभी के काम धंधे भी बंद हो गए जिससे हर कोई घर में कैद होकर रह गया। वहीं पूरा साल निकल गया और बच्चों की पढ़ाई तक नहीं हो सकी शैक्षणिक संस्थान भी ऑनलाइन रूप से संचालित किये गए। वहीं स्तिथि को देखते हुए जहां 10 वीं के छात्रों को प्रमोट किया गया। तो वहीं 12वीं के छात्रों को भी प्रयोगात्मक और उनके पिछले साल के प्रदर्शन के हिसाब से पास किया गया। अब इस साल 12वीं में बम्पर रिजल्ट के होने से डिग्री कॉलेजों में एडमिशन का संकट खड़ा हो गया है।
आपको बता दें जहां 12वीं में बम्पर रिजल्ट के होने से कई छात्र पास हुए हैं तो वहीं अब डिग्री कॉलेजों में छात्रों के लिए एडमिशन नहीं मिल पा रहा है।
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इस समस्या को देखते हुए अब सरकार ने प्रवेश के लिए सीटें बढ़ाने की तैयारी कर ली है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा है कि सरकार किसी भी छात्र को प्रवेश से वंचित नहीं रहने देगी। इस संबंध में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सचिवालय स्थित डीएमसी सभागार में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली जिसमें राजकीय विश्वविद्यालयों में शीघ्र परीक्षा परिणाम जारी करने, नये छात्रों के प्रवेश तथा दीक्षान्त समारोह कराने के निर्देश कुलपतियों को दिये। इसके अतिरिक्त राजकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य तथा अन्य रिक्त पदों पर एक सप्ताह के भीतर डीपीसी करने के निर्देश भी दिये गये।
साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में कोई भी छात्र प्रवेश से वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से छात्र-छात्राओं के लिए सीट बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार करने को कहा।
सांध्यकालीन कक्षाओं का प्रस्ताव भेजा : उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. पीके पाठक ने बताया कि हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर सहित कई डिग्री कॉलेजों ने प्रवेश की मारामारी देखते हुए, सांध्यकालीन कक्षा शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। फिलहाल निदेशालय के पास करीब छह हजार एडमिशन की मांग आई हुई है। इसमें गढ़वाल के कॉलेज शामिल नहीं है।
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एमबीपीजी कॉलेज में संध्याकालीन कक्षाओं को मिली मंजूरी
बता दें, डिग्री कॉलेजों में प्रवेश की मारामारी देखते हुए एमबीपीजी कॉलेज में संध्याकालीन कक्षाएं (इवनिंग क्लासेस) को शासन की मंजूरी मिल गई है। बुधवार को अपर सचिव उच्चशिक्षा एमएम सेमवाल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। अब एमबीपीजी कॉलेज में स्नातक प्रथम वर्ष में 3 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को दाखिला मिल जाएगा। जहां सीटें कम होने और यूजीसी के मानक के अनुसार प्रवेश होने से करीब 7 हजार विद्यार्थी प्रवेश से वंचित रह रहे थे। अब इस मंजूरी के बाद उन्हें प्रवेश से वंचित नहीं रहना पड़ेगा।
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