उत्तर नारी डेस्क
प्लास्टिक के इस्तेमाल से पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए उत्तराखण्ड सरकार ने प्रदेश में पॉलीथिन को प्रतिबंधित कर दिया है। प्रदेश सरकार ने पर्यावरण के हित में और भावी पीढ़ी को प्लास्टिक मुक्त राज्य का तोहफा देने के लिए यह कदम उठाया है। इसी कड़ी में अब प्रदेश सरकार केदारनाथ धाम को प्लास्टिक फ्री जोन बनाने की तैयारियों में जुट गई है। दरअसल देशभर में स्वच्छता अभियान जारी है। वैसे तो लोग गली-मोहल्लों की सफाई पर फिर भी ध्यान देने लगे हैं, लेकिन पहाड़ के पर्यटक स्थलों में आकर वह सफाई को नज़रअंदाज़ कर देते है, जिस वजह से प्लास्टिक और कचरे के ढेर लगा रहे है। जो पहाड़ के सौंदर्य पर एक बदनुमा दाग बना हुआ है। चारधाम यात्रा के दौरान भी लोग जगह-जगह प्लास्टिक का कचरा फैलाकर चले आते हैं, जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है। इस नुकसान को कम करने के लिए अब प्लास्टिक कचरा प्रबंधन ने ठोस कदम उठा रहा है।
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बता दें कि केदारनाथ धाम को प्लास्टिक की बोतलों से निजात दिलाने के लिए अब श्रद्धालुओं को तांबे की बोतलें उपलब्ध कराई जाएंगी। इनके डिजाइन और लागत के सिलसिले में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से संपर्क साधा जा रहा है। बोतलों का निर्माण अल्मोड़ा और बागेश्वर के ताम्र शिल्पियों से कराया जाएगा। यानी रोजगार भी स्थानीय लोगों को मिलेगा। वहीं, केदारनाथ धाम को प्लास्टिक फ्री जोन बनाने के लिए वहां प्लास्टिक को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा। इस कड़ी में श्रद्धालुओं को जागरूक करने के साथ ही प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन को कदम उठाए जाएंगे। वहीं, सचिव पर्यटन जावलकर ने बताया कि केदारनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को पानी के लिए तांबे की बोतलें उपलब्ध कराने की योजना है। हमारी कोशिश ये रहेगी कि श्रद्धालुओं को तांबे की बोतलें रियायती दर पर उपलब्ध कराई जा सके।
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