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देवभूमि उत्तराखण्ड के दो बिपिन जो भारत माँ की सेवा के दौरान शहीद हुए

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड समेत पूरे देश के लिए यह दुःखद ख़बर है कि देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्‍टर हादसे में निधन हो गया है। वायुसेना ने इसकी आधिकारिक पुष्टि कर दी है। वहीं हेलीकॉप्‍टर में सवार 14 लोगों में से 13 लोगों की मौत हो गई है। इस हादसे में उनकी पत्‍नी मधुलिका रावत का भी निधन हो गया है। 

बता दें आज से 27 साल पहले भी जनरल बिपिन चंद्र जोशी का थल सेनाध्यक्ष रहते हुए आकस्मिक निधन हो गया था। अब सीडीएस बिपिन रावत के आकस्मिक निधन से सशत्र सेनाओं के शिखर पर पहुंचे उत्तराखण्ड के दोनों बेटों का सेवा के दौरान निधन होने का दुखद दुर्योग बन गया है। इत्तेफाक की बात तो यह रही की  दोनों के नाम ‘बिपिन’ है और दोनों ही जनरल भी रहे हैं। साथ ही दोनों का सेनाध्यक्ष रहते हुए आकस्मिक निधन भी हुआ है।

उत्तराखण्ड के पहले सैन्य अधिकारी थे जनरल बिपिन चंद्र जोशी 

जनरल बिपिन चंद्र जोशी का जन्म पिथौरागढ़ में 5 दिसंबर 1935 को हुआ था। वे भारतीय थल सेना के 17वें प्रमुख बने थे। जोशी भारतीय थल सेनाध्यक्ष पद पर पहुंचने वाले उत्तराखण्ड के पहले सैन्य अधिकारी बने थे। लेकिन सेवाकाल के दौरान ही 18 नवम्बर 1994 को उनका नई दिल्ली के मिलिट्री हॉस्पिटल में आकस्मिक निधन हो गया था। तब वो 58 वर्ष के थे। आर्मी चीफ बनने से पहले बिपिन चंद्र जोशी डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) और जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (दक्षिणी कमान) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके थे। जनरल जोशी को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम), अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) और एडीसी से भी नवाजा गया है।

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जनरल  बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस तक थे पहुंचे

जनरल बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिले में एक क्षत्र‍िय परिवार में हुआ। उनका परिवार चौहान राजपूत परिवार और उनकी मां परमार क्षत्र‍िय वंश से थीं। पिता एलएस रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर थे। रावत ने भारतीय सैन्य अकादमी से स्नातक उपाधि प्राप्त की। आईएमए देहरादून में ‘सोर्ड आफ आनर’ से सम्मानित किए जा चुके हैं। साल 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से सैन्य मिडिया अध्ययन में पीएचडी की और 01 सितंबर 2016 को रावत ने सेना के उप-प्रमुख के पद की जिम्‍मेदारी संभाली थी। अपने चार दशकों की सेवा के दौरान जनरल रावत ने एक ब्रिगेड कमांडर, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-सी) दक्षिणी कमान, सैन्य संचालन निदेशालय में जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 2, कर्नल सैन्य सचिव और उप सैन्य सचिव के रूप में कार्य किया है। वह संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का भी हिस्सा रहे हैं और उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एक बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली थी। गोरखा ब्रिगेड से सीओएएस बनने वाले चौथे अधिकारी बनने से पहले बिपिन रावत थल सेनाध्यक्ष बने थे। 

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मुख्यमंत्री पुष्कर धामी सीडीएस बिपिन रावत का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी व अन्य अधिकारियों के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शान्ति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने जरनल रावत के निधन को देश के लिए अपूर्णीय क्षति बताते हुए कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा एवं देश की रक्षा के लिए उनके द्वारा लिये गये साहसिक निर्णयों एवं सैन्य बलों के मनोबल को सदैव ऊंचा बनाये रखने के लिए उनके द्वारा दिये गये योगदान को देश सदैव याद रखेगा।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत 

मैं निशब्द हूं। जिस बात का डर था वो ही हुआ। प्रदेश की शान, सीडीएस और मेरे मित्र जनरल बिपिन रावत हमारे बीच नहीं रहे। इस दुर्घटना में उनकी पत्नी मधुलिका का भी निधन हो गया। मैं भगवान बदरी विशाल व बाबा केदार से विनती करता हूं कि सभी दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

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